सावन की पूर्णिमा को राखी का त्यौहार मनाया जाता है । पूजा अपनी सहेलियों के साथ राखी लेने बाजार गई है। बाजार में खूब चाहल पहल है। दुकानों में चमकीले चमकीले रंग-बिरंगी राखियां सजी है। दुकानदार व्यस्त है। ग्राहकों को तत्पश्चात से राखियां दिखा रहे हैं। पूजा और उसकी सहेलियां ने भी रंग बिरंगी राखी खरीदी । और वह अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधे गी। भाई भी उन्हें कुछ उपहार देंगे। पूजा के भाई पंजाब से आने वाले हैं। जब कभी सड़क पर कुछ आवाज होती, पूजा दौड़कर दरवाजे पर जाती और सड़क की ओर देखती। भाई को ना आते देख वह निराश होकर लौट आती। पूजा सोचने लगती, "क्या बात है भैया अभी तक क्यों नहीं आए? आज मैं किस को राखी बांध दूंगी?" पूजा को उदास देखकर उसकी मां ने कहा, "कोई बात नहीं पूजा। पहली गाड़ी निकल गई होगी थोड़ी देर में ही दूसरी गाड़ी आने वाली है प्रभात जरूर आएगा। मैं यह कह रही थी कि हाथ में अटैची लिए प्रभात भीतर आ गया। भाई को देख कर पूजा बहुत खुश हुई।
" जल्दी से नहा लीजिए भैया । देखिए, आपने आने में कितनी देर कर दी, ना धो कर प्रभात ने नए कपड़े पहने । पूजा ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाया और कलाई पर राखी बांधी । फिर उसने अपने भाई को मिठाई खिलाई । प्रभात ने थाली में रुपए रखें और बहन को प्यार किया उछलते कूदते उषा सहेलियों के साथ खेलने चली गई ।
" हमारा रक्षाबंधन बहुत पुराना त्यौहार है । कहते हैं, पुराने समय में जब सैनिक युद्ध पर जाते थे, तब बहाने उनके ललाट पर तिलक लगाती और कलाई पर राखी बांधी थी । राखी बांध कर मन मन ही कहती, " यह राखी मेरे भाई को सब संकटों से बचाएं ।" राखी बंधवा कर सैनिक अपने देश की और मां बहनों की रक्षा का प्रण करते थे ।
बहुत समय पहले चित्तौड़ पर एक महिला शासन करती थी । उसका नाम महारानी कर्णावती था । उनके चित्तौड़ राज्य पर एक पड़ोसी राजा ने हमला कर दिया । चित्तौड़ कि महारानी कर्णावती अकेले उसका मुकाबला ना कर सकी । उसने दिल्ली के बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर सहायता के लिए बुलाया । राखी मिलते ही हिमायू सब काम छोड़ कर अपनी बहन कर्णावती की सहायता के लिए चल पड़ा ।
आज भी रक्षाबंधन के दिन जब बहन अपने भाई को राखी बांधती है, वह प्रार्थना करती है कि राखी उसके भाई को संकटों से बचाए । भाई बहन से राखी बंधवा ता है इसका अर्थ है कि वह हमेशा बहन की रक्षा करेगा । इसीलिए राखी का बंधन, रक्षा का नाम बंधन माना जाता है और इसलिए इस त्यौहार को रक्षाबंधन के नाम से जानते हैं ।
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